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उज्जैन महापौर पद अनुसूचित जाति के खाते में, भाजपा और कांग्रेस में राजनीतिक हलचल तेज
उज्जैन महापौर पद अनारक्षित होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे नेताओं को इस बार भी झटका लगा है। उज्जैन का महापौर पद इस बार अनुसूचित महिला से मुक्त करते हुए अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया है। इसमें अनुसूचित महिला और अनुसूचित जाति के पुरुष दोनों भाग्य आजमा सकते हैं। महापौर पद के लिए सीटों के आरक्षण की सूची घोषित होते ही उज्जैन में राजनीतिक हलचल बढ़ गई। इसी के साथ सत्ताधारी दल भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के दावेदारों की धड़कनें भी तेज हो गईं। आरक्षण घोषित होते ही भाजपा और कांग्रेस के दावेदारों ने टिकट के लिए जोड़तोड़ शुरू कर दी है।
भाजपा और कांग्रेस की नजर बैरवा समाज पर
उज्जैन नगर पालिक निगम क्षेत्र बैरवा बाहुल्य होने के कारण भाजपा और कांग्रेस नेताओं की निगाह टिकी होती है। माना जा रहा है कि दोनों दल बैरवा समाज से ही अपने-अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेंगे।
प्रत्यक्ष मतदान में भाजपा का पलड़ा रहा भारी
वर्ष 2000 में महापौर पद का चुनाव आम जनता द्वारा होने लगा। तब से अब तक हुए चार चुनावों में भाजपा का पलड़ा भारी रहा। इसमें तीन बार भाजपा तो एक बार कांग्रेस ही जीत सकी है।
उज्जैन नगर पालिक निगम एक नजर में
कुल वार्ड- 54
आरक्षण की वार्डवार स्थिति
महापौर- अनुसूचित जाति
अजा (महिला)- 1, 17, 40, 43, 53, 54
अजा (मुक्त)- 8, 37, 39, 41, 45
अजजा (मुक्त)- 33
अन्य पिछड़ा वर्ग (महिला)- 4, 11, 14, 27, 42, 49, 51
अन्य पिछड़ा वर्ग (मुक्त)- 2, 3, 15, 16, 18, 24, 46
अनारक्षित (महिला)- 19, 22, 25, 26, 29, 30, 31, 32, 36, 44, 47, 48, 50, 52
अनारक्षित (मुक्त)- 5, 6, 7, 9, 10, 12, 13, 20, 21, 23, 28, 34, 35, 38
ये हैं प्रबल दावेदार
भाजपा- जयप्रकाश जूनवाल, डॉ. प्रभुलाल जाटवा, सुरेश गिरि, मुकेश टटवाल, दिनेश जाटवा।
कांग्रेस- महेश परमार (विधायक), कमल चौहान, सुरेंद्र मरमट, जितेंद्र गोयल, जितेंद्र तिलकर, दीपक मेहरा, वंदना मिमरोट, जयसी बोरासी।